हिमाचल प्रदेश सरकार ने छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द करने वाले हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार का तर्क है कि यह फैसला राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर सकता है।
क्या है मामला?हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जनवरी 2023 में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा नियुक्त किए गए छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह नियुक्ति राज्य के संविधान के विरुद्ध है।
सरकार का क्या कहना है?हिमाचल प्रदेश सरकार का कहना है कि हाईकोर्ट का यह फैसला गलत है और इससे राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो सकती है। सरकार ने कहा है कि मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति राज्य के विकास के लिए आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट क्या करेगा?सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर सुनवाई करेगा और फैसला सुनाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला देता है।
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य सरकारों को मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति करने के अधिकार पर सवाल उठाता है। यह मामला यह भी दिखाता है कि राज्य सरकारें और उच्च न्यायालय अक्सर एक-दूसरे के फैसलों को चुनौती देते रहते हैं।