ओडिशा के बलासोर जिले के भारत भूषण दास, जो पेशे से घड़ीसाज़ हैं, ने साधारण साइकिलों को किफायती इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में बदलने का अनोखा काम किया है। उन्होंने अपनी तकनीकी जानकारी और रचनात्मक सोच का इस्तेमाल कर अपने समुदाय की बड़ी समस्या का समाधान करने की कोशिश की है।
भारत ने देखा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की ऊंची कीमत गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के लिए एक बड़ी बाधा है। इसे ध्यान में रखते हुए, उन्होंने साइकिलों में सस्ते इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी का उपयोग करके उन्हें ईवी में बदलना शुरू किया।
उनका यह प्रयास न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि ईंधन खर्च से भी राहत देता है। उन्होंने अब तक कई साइकिलों को ईवी में परिवर्तित किया है, जिसकी लागत एक सामान्य इलेक्ट्रिक स्कूटर की तुलना में काफी कम है।
हालांकि, भारत को अपने इस नवाचार के लिए चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक मदद की कमी और तकनीकी संसाधनों की सीमाओं के बावजूद वे अपने काम को जारी रखे हुए हैं। उनकी यह कोशिश स्थानीय लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन रही है।
समाज में बदलाव लाने वाले भारत का सपना है कि आने वाले समय में हर गरीब व्यक्ति के पास एक किफायती ईवी हो। उन्होंने स्थानीय स्तर पर लोगों को प्रोत्साहित किया है कि वे इस तकनीक को अपनाएं।
भारत के प्रयासों को अब सरकार और पर्यावरण संगठनों से मदद मिलने की उम्मीद है। उनका यह काम न केवल बलासोर, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकता है।