श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को देश में बढ़ते धार्मिक विभाजन और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत का बहुसंख्यक हिंदू समुदाय धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन कुछ ताकतें लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही हैं।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यदि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय किया जाता है और उनकी मस्जिदों को निशाना बनाया जाता है, तो यह देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को ठेस पहुंचाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो 1947 जैसे दंगों की पुनरावृत्ति हो सकती है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी बुनियादी जरूरतों पर ध्यान देने के बजाय मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को मुद्दा बनाकर जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है।
संबल में हुई चार युवाओं की हत्या पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन घटनाओं पर बोलने वाले लोगों को जेल में डाल दिया जाता है। उन्होंने उमर खालिद का उदाहरण देते हुए कहा कि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे जेल में डाल दिया जाता है।
महबूबा ने अजमेर शरीफ दरगाह पर शिव मंदिर होने के दावे को खारिज करते हुए इसे “गंगा-जमुनी” संस्कृति का प्रतीक बताया और कहा कि धार्मिक स्थलों को खोदने का यह सिलसिला कब तक चलेगा।
बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि उनकी तुलना भारत और बांग्लादेश के बीच गलत है। बीजेपी नेता रवींद्र रैना ने उनके बयान को “गलत और निंदनीय” बताया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।