नई दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा है कि राफेल-एम (नौसेना संस्करण) और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के लिए अनुबंध अगले महीने अंतिम रूप से तय होने की संभावना है। यह भारतीय नौसेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि इससे इसकी समुद्री शक्ति में काफी इजाफा होगा।
राफेल-एम एक बहुमुखी लड़ाकू विमान है जो नौसेना के वाहक पोतों से उड़ान भर सकता है। यह विमान भारतीय नौसेना को क्षेत्रीय चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम बनाएगा। वहीं, स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारतीय नौसेना को पानी के अंदर एक मजबूत उपस्थिति प्रदान करेंगी।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि इन हथियारों की खरीद से भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता में काफी सुधार होगा और यह क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को भी प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि यह सौदा ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भी किया जा रहा है, जिससे देश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय नौसेना को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। राफेल-एम और स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारतीय नौसेना को क्षेत्रीय चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम बनाएंगी और भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगी।
मुख्य बिंदु:
- नौसेना जल्द ही 26 राफेल-एम जेट खरीदने के लिए करार करेगी।
- स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद का अनुबंध भी अंतिम चरण में है।
- यह सौदा ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत किया जा रहा है।
- इससे भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता में काफी सुधार होगा।