दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) ने शीतकालीन रातों में बेघर व्यक्तियों को शरण देने के लिए 235 तंबू लगाए हैं। दिल्ली सरकार की शीतकालीन योजना 2024-25 के तहत, कुल 250 तंबू लगाने का लक्ष्य है, जिसमें से 15 तंबू आपातकाल के लिए आरक्षित रखे गए हैं।
मुख्य बिंदु:
आवश्यक सुविधाएँ:
प्रत्येक तंबू में गद्दे, कंबल, शौचालय सुविधाएँ, स्वास्थ्य जांच सेवाएँ और तीन वक्त का खाना उपलब्ध कराया गया है।
सुरक्षा इंतजाम:
प्रत्येक तंबू के लिए तीन गार्ड नियुक्त किए गए हैं, जो आठ घंटे के शिफ्ट में काम करेंगे।
स्थायी शेल्टर में अतिरिक्त सुविधाएँ:
जिन व्यक्तियों को स्थायी आश्रय भवनों में शरण दी जाती है, उनके लिए गीजर जैसी अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं ताकि ठंडे मौसम में वे आरामदायक रहें।
शीतलहर का असर:
दिल्ली में शनिवार को इस सीजन की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जिसमें तापमान 7.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। रविवार को तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ और दिनभर बारिश का अनुमान था।
विन्टर एक्शन प्लान:
दिल्ली सरकार ने 15 नवंबर को शीतकालीन योजना की शुरुआत की थी, जो बेघरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाई गई है।
आश्रय क्षमता में वृद्धि:
DUSIB पहले से ही दिल्ली भर में 197 शेल्टर्स चला रहा है, जिसमें कुल 7,092 लोगों के रहने की क्षमता है। नए तंबू लगाए जाने के बाद यह क्षमता और बढ़ेगी।
योजना का बजट:
इस योजना के लिए दिल्ली सरकार ने 3 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो 15 नवंबर 2023 से लेकर 15 मार्च 2025 तक लागू रहेगा।
राहत टीमों की व्यवस्था:
शीतकालीन योजना के तहत, 16 बचाव टीमें बनाई गई हैं जो रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक खुले स्थानों या सड़कों पर सो रहे लोगों को शेल्टर या अस्पताल तक पहुंचाएंगी।
‘रेन बसेरा’ ऐप:
लोग बेघर व्यक्तियों के बारे में जानकारी देने के लिए ‘रेन बसेरा’ ऐप का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उनकी लोकेशन को GPS के जरिए ट्रैक किया जा सकता है और तत्काल सहायता दी जा सकती है।
सहायता और मरम्मत:
सभी आश्रय केंद्रों में पानी, बिजली, और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इसके अलावा, गर्म पानी, कंबल और व्यक्तिगत सामान रखने के लिए लॉकर्स जैसी अतिरिक्त सुविधाएँ भी प्रदान की जा रही हैं।