कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, महाराष्ट्र के मार्कडवाडी गांव में 9 दिसंबर को EVMs के खिलाफ चल रहे महा विकास आघाड़ी (MVA) के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं। MVA में कांग्रेस, शिवसेना UBT और NCP-SP शामिल हैं, जिन्होंने बीजेपी-शिवसेना महायुति पर बड़े पैमाने पर EVMs के साथ छेड़छाड़ कर लोगों का जनादेश चुराने का आरोप लगाया है।
मुख्य बिंदु:
MVA का आरोप:
MVA ने आरोप लगाया कि चुनाव परिणामों में बड़ी गड़बड़ी हुई है, जिसके चलते उनका गठबंधन जो 288 विधानसभा सीटों में से 150 से अधिक जीतने का दावा कर रहा था, केवल 56 सीटों पर सिमट कर रह गया।
ईवीएम के खिलाफ विरोध:
कांग्रेस के बाद शिवसेना UBT और NCP-SP ने भी EVMs के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। राहुल गांधी 9 दिसंबर को इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनने के लिए मार्कडवाडी गांव जाने की संभावना है।
स्थानीय विरोध:
इलाके के स्थानीय लोगों ने एक पोल बूथ पर बैलेट पेपर से मॉक पोल आयोजित करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें इसे करने से रोक दिया।
स्थानीय निकाय चुनावों के लिए बैलेट पेपर की मांग:
राज्य भर में लोग मांग कर रहे हैं कि भविष्य के सभी स्थानीय निकाय चुनाव बैलेट पेपर के जरिए कराए जाएं, क्योंकि EVMs पर विश्वास घट रहा है।
सीमित विरोध:
MVA के नेताओं ने पहले शपथ लेने से इनकार किया था, लेकिन रविवार को उन्होंने संविधान प्रणाली के प्रति सम्मान दिखाने के लिए शपथ ली।
कानूनी विकल्प:
MVA अब कानूनी विकल्प भी तलाश रहा है और विधायक चुनाव परिणामों को चुनौती देने के लिए मुकदमे दायर कर सकते हैं।
चुनाव परिणामों पर सवाल:
MVA का कहना है कि हाल के विधानसभा चुनावों में महायुति की ऐतिहासिक जीत को देखने के बाद भी यह कोई विशेष काम नहीं किया गया था, जबकि लोकसभा चुनाव में MVA ने 48 में से 30 सीटें जीती थीं।
आलोचना:
कांग्रेस और अन्य नेताओं ने आरोप लगाया कि महायुति की जीत एकतरफा थी और इसके पीछे कोई ठोस कारण नहीं था, जबकि महिलाओं के लिए ‘लड़की बहन योजना’ जैसी स्कीम को चुनावी जीत का कारण माना जा रहा है।