प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में चंडीगढ़ में समर्पित किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत, विदेशों में शरण लिए हुए भारतीय आतंकवादियों, आर्थिक अपराधियों, ड्रग तस्करों और गैंगस्टरों पर अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन कानूनों के लागू होने से इन अपराधियों को पकड़ने या प्रत्यर्पण के बाद सजा मिल सकेगी।
मुख्य बिंदु:
- नए कानूनों का उद्देश्य:
ये तीन नए कानून – भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) – विदेशी शरणार्थियों को भारत में न्यायालयीन प्रक्रिया का सामना करवा सकेंगे। - दूरी से ट्रायल का प्रावधान:
BNSS में अभियुक्त के अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने का प्रावधान जोड़ा गया है, जो पहले केवल साक्ष्य रिकॉर्ड करने तक सीमित था। अब विदेश में छिपे अपराधियों पर भी ट्रायल किया जा सकेगा। - पुलिस अधिकारियों की तैयारी:
चंडीगढ़ पुलिस ने नए कानूनों को लागू करने के लिए पुलिस स्टेशनों को 170 टैबलेट वितरित किए हैं। पुलिस कर्मियों को नए कानूनों के बारे में जागरूक किया गया है। - डिजिटल न्याय प्रणाली:
चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि अब पूरी आपराधिक न्याय प्रणाली डिजिटल हो गई है। ई-सुमन, अभियोजन, और घटनास्थल पर ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी प्रक्रियाएं अब ऑनलाइन हैं। - सभी अपराधियों का पता लगाने की व्यवस्था:
चंडीगढ़ पुलिस ने दावा किया कि एनएएफआईएस और चित्रखोज जैसी तकनीकों के जरिए अपराधियों का पता लगाया जा रहा है। इसके तहत फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान से अपराधियों की पहचान की जाती है। - महिला और बच्चों के मामलों पर ध्यान:
नए कानूनों में महिला और बच्चों के अपराधों पर विशेष ध्यान दिया गया है। शिकायत दर्ज होने के बाद 60 दिनों में आरोपपत्र दाखिल करने का प्रावधान किया गया है। - शून्य एफआईआर प्रणाली:
चंडीगढ़ में शून्य एफआईआर का प्रावधान लागू किया गया है, जिसमें पुलिस की कार्यवाही क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के बिना भी शुरू हो सकती है। - 1500 एफआईआर और 245 आरोपपत्र:
नए कानूनों के तहत चंडीगढ़ पुलिस ने 1500 एफआईआर दर्ज की हैं और 245 आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिनमें से 4 आरोपी दोषी ठहराए गए हैं।