अदालत ने सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होने की शर्त को हटा दिया।
मुख्य बिंदु:
अदालत ने सिसोदिया को नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होने की हिदायत दी।
सीनियर एडवोकेट ए एम सिंहवी ने सिसोदिया का पक्ष रखा।
सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत शर्तों में राहत की याचिका दायर की थी।
9 अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने CBI और ED मामलों में सिसोदिया को जमानत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक जेल में रहने से उनके अनुच्छेद 21 के तहत अधिकार प्रभावित हुए।
सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया गया था।
सिंहवी ने बताया कि सिसोदिया अब तक 60 बार जांच अधिकारियों के सामने पेश हो चुके हैं।
CBI ने उन्हें 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था, जबकि ED ने 9 मार्च, 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा था कि “जमानत नियम है और जेल अपवाद”।
कोर्ट ने सिसोदिया से 10 लाख रुपये का बेल बॉन्ड और दो जमानतदार जमा कराने को कहा था।
पासपोर्ट कोर्ट में जमा करने और गवाहों पर प्रभाव न डालने की शर्तें रखी गईं।
सिसोदिया पर लगे आरोपों को उन्होंने खारिज किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 17 महीने की लंबी जेल अवधि उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 मई के फैसले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट को “जमानत नियम” सिद्धांत को अपनाने पर जोर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच और ट्रायल में देरी को न्याय प्रक्रिया में बाधा बताया।
सिसोदिया ने फरवरी 2023 में मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।