रामनगर:
भारत के मुख्य न्यायाधीश, संजीव खन्ना, अपनी पारिवारिक यात्रा के दौरान रविवार को दिल्ली लौट आए। उन्होंने अपनी रात Dhikala पर्यटन क्षेत्र में बिताई, जहां वह पार्क की जैव विविधता और वन्यजीवों से अत्यधिक प्रभावित हुए।
मुख्य बिंदु:
- यात्रा की शुरुआत:
मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने 7 दिसंबर को जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के प्रसिद्ध ढिकाला क्षेत्र में पहुंचे और परिवार के साथ जंगल सफारी का आनंद लिया। - पार्क में सुरक्षा इंतजाम:
खन्ना का स्वागत धंगांधी गेट पर पार्क प्रशासन द्वारा किया गया, जहां उनके लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। - कॉर्बेट पार्क का महत्व:
जिम कॉर्बेट ने प्रोजेक्ट टाइगर के तहत पहला पार्क होने का गौरव प्राप्त किया है और यह अपनी जैव विविधता और बाघों की घनता के लिए प्रसिद्ध है। - विशेष बेंच का गठन:
CJI खन्ना ने 1991 के स्थान पूजा कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक विशेष बेंच का गठन किया है। इस कानून के तहत, धार्मिक स्थलों के स्वरूप और पहचान को 15 अगस्त, 1947 की स्थिति के अनुसार बनाए रखा जाता है। - सुनवाई की तिथि:
इस मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। इसमें कई महत्वपूर्ण मामले, जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद और शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित याचिकाएं शामिल हैं। - ज्ञानवापी मस्जिद के मामले की अहमियत:
हाल ही में, ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंध समिति ने सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि 1991 का कानून असंवैधानिक घोषित करने के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। - मुख्य न्यायाधीश की यात्रा का उद्देश्य:
खन्ना की यात्रा का मुख्य उद्देश्य परिवार के साथ प्रकृति के बीच समय बिताना था, लेकिन वह अपनी न्यायिक जिम्मेदारियों को भी पूरा कर रहे हैं।