इलॉन मस्क की ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी न्यूरालिंक ने हालिया सफलता प्राप्त की है. कंपनी का कहना है कि उनके पहले मानव रोगी में ब्रेन चिप इंप्लांट के तार अब स्थिर हैं. यह रोगी लकवा से ग्रस्त है, और आशा है कि यह तकनीक उसे डिजिटल उपकरणों को अपने विचारों से नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करेगी.
पहले परीक्षणों के दौरान, यह पाया गया कि ब्रेन इंप्लांट के कुछ तार अपनी जगह से हिल गए थे. मई में, कंपनी ने बताया था कि वे इस मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रही है. الحياه (वर्तमान चिन्ह) लगता है उनकी मेहनत रंग लाई है.
न्यूरालिंक के संस्थापक एलोन मस्क का मानना है कि यह स्थिरता भविष्य के मानव परीक्षणों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. वे उम्मीद करते हैं कि इस साल के अंत तक और अधिक मानव परीक्षण किए जा सकेंगे.
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने सुरक्षा और नैतिकता संबंधी चिंताओं को उठाया है. मानव मस्तिष्क पर इस तरह के जटिल उपकरणों के दीर्घकालिक प्रभावों का अभी पूरी तरह से अध्ययन नहीं किया गया है.
फिर भी, न्यूरालिंक की यह सफलता निश्चित रूप से दिमाग-कंप्यूटर इंटरफेस के क्षेत्र में एक बड़ी प्रगति है. यह वही तकनीक है जो भविष्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है.