उनका आरोप है कि उनके बेटे के पैर की चोट का इलाज करने के बजाय, डॉक्टरों ने बिना सहमति के उसके निजी अंग का ऑपरेशन कर दिया।
हॉस्पिटल ने इस मामले का बचाव करते हुए कहा है कि बच्चे की स्थिति को देखते हुए ये सर्जरी जरूरी थी।
परिवार का कहना है कि बच्चा पिछले महीने खेलते समय घायल हो गया था, जिसके बाद उसे ठाणे के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी थी। लेकिन माता-पिता का दावा है कि ऑपरेशन के बाद उन्हें पता चला कि डॉक्टरों ने उनके बेटे के पैर की जगह उसका खतना (circumcision) कर दिया है।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनकी जांच में पता चला है कि बच्चे को पैर की चोट के साथ-साथ फिमोसिस (Phimosis) की भी समस्या थी, जिस वजह से सर्जरी के दौरान खतना भी कर दिया गया।
इस मामले की जांच अभी जारी है. यह देखना होगा कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं।