देश में परीक्षाओं में हो रही पेपर लीक की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है। हाल ही में लागू किया गया कठोर कानून तो एक सकारात्मक कदम है, लेकिन पेपर लीक माफिया का सफाया करने के लिए सिर्फ इतना ही काफी नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए बहुआयामी रणनीति की जरूरत है। इसमें कड़े कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ-साथ राज्यों की सक्रिय भूमिका और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल भी शामिल है।
सबसे पहले, यह जरूरी है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कड़े कानून को सभी राज्यों में प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। इसके लिए राज्यों को पुलिस और जांच एजेंसियों को मजबूत करना होगा ताकि वे पेपर लीक की घटनाओं की गंभीरता से जांच कर सकें और दोषियों को सजा दिला सकें।
साथ ही, परीक्षा प्रणाली में सुधार लाने की भी जरूरत है। पेपर सेटिंग की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। परीक्षाओं के आयोजन और संचालन में भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू करनी चाहिए। नकल और पेपर लीक रोकने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, AI का उपयोग करके परीक्षा पैटर्न का विश्लेषण किया जा सकता है और संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया जा सकता है।
अंत में, समाज में जागरूकता फैलाना भी जरूरी है। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को पेपर लीक के दुष्परिणामों के बारे में बताना चाहिए। साथ ही, उन्हें यह भी प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे पेपर लीक की किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दें।
इन उपायों को मिलकर लागू करने से पेपर लीक माफिया को खत्म करने और परीक्षाओं में शुचिता लाने में मदद मिल सकती है।