संभल:
उत्तर प्रदेश के संभल स्थित शाही जामा मस्जिद पर कोर्ट-आदेशित सर्वे रिपोर्ट सोमवार को पेश होनी थी, लेकिन एडवोकेट कमिश्नर ने स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 15 दिन का और समय मांगा है।
पेटिशन का दावा:
हिंदू पक्ष ने चंदौसी जिला कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें मस्जिद को हरिहर मंदिर के विध्वंस के बाद निर्मित बताया गया।
सर्वे का आदेश:
कोर्ट ने 19 नवंबर को मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था।
पहले भी समय सीमा बढ़ाई गई:
रिपोर्ट 24 नवंबर को पेश होनी थी, लेकिन 10 दिन का समय और दिया गया।
फिर समय सीमा बढ़ाने की मांग:
एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने स्वास्थ्य कारणों से 15 दिन का अतिरिक्त समय मांगा।
स्वास्थ्य संबंधी समस्या:
राघव ने बताया कि बुखार के चलते वह रिपोर्ट का विश्लेषण नहीं कर सके।
रिपोर्ट लगभग तैयार:
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट लगभग पूरी है और शीघ्र जमा कर दी जाएगी।
पुलिस बल तैनात:
कोर्ट के मुख्य द्वार पर भारी पुलिस बल तैनात है।
पहले हुई हिंसा:
24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी, लेकिन स्थिति को नियंत्रण में लिया गया।
मुस्लिम पक्ष का बयान:
मुस्लिम पक्ष के वकील जफर अली ने कहा कि रिपोर्ट सील बंद कवर में पेश की जाएगी।
अदालतों का निर्णय:
आगे की कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगी।
आपत्ति दर्ज:
समय सीमा बढ़ाने के आवेदन पर आपत्ति दर्ज की गई है।
रिपोर्ट का महत्व:
यह रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्ष के तर्कों के बीच संतुलन स्थापित करेगी।
स्थानीय लोग चिंतित:
क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल के बावजूद स्थिति सामान्य बनी हुई है।
हाई कोर्ट की भूमिका:
रिपोर्ट के बाद हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई महत्वपूर्ण होगी।
समाज का रुख:
दोनों पक्ष अपने-अपने दावों पर अड़े हुए हैं।
विवाद का समाधान:
रिपोर्ट से विवाद को सुलझाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।
आगे की कार्यवाही:
कोर्ट के आदेश के अनुसार, रिपोर्ट पेश होने के बाद सुनवाई होगी।
समस्या का समाधान:
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला लंबा खिंच सकता है।