सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के मामले में आरोपी मोहम्मद जावेद और NIA को नोटिस जारी किया है। यह याचिका कन्हैया लाल के बेटे यश टेल ने राजस्थान हाई कोर्ट के सितंबर में दिए गए जमानत आदेश के खिलाफ दाखिल की थी।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और अरविंद कुमार की पीठ के सामने हुई। यश टेल के वकील नमित सक्सेना ने जावेद की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि आरोपी जावेद ने मुख्य हत्यारों को कन्हैया लाल की मौजूदगी के बारे में जानकारी दी थी।
सक्सेना ने तर्क दिया कि हाई कोर्ट ने बिना अपराध की गंभीरता पर विचार किए जमानत दे दी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया। याचिका में बताया गया कि हत्या के समय देश में सांप्रदायिक तनाव फैला हुआ था और आरोपियों ने हथियार तैयार किए, रेकी की और जावेद ने कन्हैया लाल की जानकारी हमलावरों तक पहुंचाई।
याचिका में आगे कहा गया कि आरोपियों ने हत्या के बाद वीडियो साझा कर समुदायों में विभाजन फैलाने का प्रयास किया। जून 2022 में मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने ग्राहक बनकर कन्हैया लाल की दुकान में घुसकर तेज हथियारों से हमला किया।
NIA ने मामले की जांच की और जावेद को भी चार्जशीट में शामिल किया। याचिका के अनुसार, जावेद ने मुख्य आरोपियों को मृतक की मौजूदगी की जानकारी दी थी। हाई कोर्ट ने जमानत देते समय कहा कि आरोपी के खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं थे।
याचिका में कहा गया कि UAPA कानून की विशेष धाराओं के अनुसार जमानत के मामले में विशेष प्रावधान लागू होते हैं। नमित सक्सेना ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने केस के दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल उठाकर गलती की है।