मेरठ: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो गुर्गों को फर्जी पासपोर्ट जारी करने के मामले में मेरठ के दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस की जांच में सामने आया कि इन सिपाहियों की लापरवाही के कारण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी हुए।
पुलिस के अनुसार, बिश्नोई के दो सहयोगी राहुल कुमार और महेंद्र कुमार फर्जी पासपोर्ट के जरिए दुबई भाग गए। ये दोनों करोड़ों रुपये की रंगदारी वसूलने में शामिल थे और बीकानेर क्राइम ब्रांच उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी।
पता चला कि मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके के साइबर कैफे संचालक राजू वैद्य ने फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवाने में मदद की। राजू के गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस से गहरे संबंध थे, जिसके जरिए उसने कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी इलाके का फर्जी पता देकर पासपोर्ट बनवाया।
जांच में पता चला कि अप्रैल में दोनों आरोपी मेरठ में सात दिन रुके थे। इस दौरान राजू ने उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर पासपोर्ट आवेदन कर दिया। कंकरखेड़ा पुलिस की ओर से स्थानीय पते की जांच नहीं की गई और बिना सत्यापन के रिपोर्ट सौंप दी गई।
फर्जी पासपोर्ट मिलने के बाद दोनों आरोपी दुबई भाग गए। जांच के दौरान पाया गया कि आवेदन में दिया गया पता फर्जी था और पुलिस ने फिजिकल वेरिफिकेशन किए बिना ही पासपोर्ट सत्यापित कर दिया।
सिपाही संदेश शर्मा और धीरज को इस मामले में लापरवाही का दोषी पाया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा कि आगे की कार्रवाई जारी है। साथ ही, लॉरेंस बिश्नोई के अन्य गुर्गों की जांच भी हो रही है, जिन्होंने इसी तरह फर्जी दस्तावेजों से विदेश भागने का प्रयास किया होगा।