कनाडा में हजारों भारतीय छात्र, इस साल के अंत तक निर्वासित होने का खतरा झेल रहे हैं, देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन कहाँ से शुरू हुए और कौन से प्रांत आंदोलन से प्रभावित हैं? इन छात्रों की क्या मांग है?
भारतीय छात्रों के विरोध प्रदर्शन की शुरुआत ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर से हुई थी। जल्द ही, यह आंदोलन देश के अन्य हिस्सों में फैल गया। अब, ओटावा, टोरंटो, मॉन्ट्रियल और अन्य प्रमुख शहरों में भारतीय छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन छात्रों की मुख्य मांग यह है कि कनाडा सरकार उन्हें निर्वासित न करे। वे दावा करते हैं कि वे कनाडा में कानूनी रूप से अध्ययन कर रहे हैं और उनके पास वापस जाने का कोई कारण नहीं है। छात्रों का कहना है कि उन्हें कनाडा में रहने और अपनी पढ़ाई पूरी करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
कनाडा सरकार ने अभी तक छात्रों की मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सरकार ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है।
यह मुद्दा भारत और कनाडा के बीच संबंधों पर भी असर डाल सकता है। भारत ने कनाडा सरकार से छात्रों के हितों का ध्यान रखने की मांग की है।