सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड्स के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की याचिका खारिज कर दी है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचुड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राजनीतिक दलों और उनके कॉर्पोरेट दानदाताओं के बीच लेन-देन की जांच के लिए न्यायिक निगरानी वाली जांच करना अनुचित और समयपूर्व होगा।
कोर्ट ने कहा कि चुनावी बॉन्ड्स की योजना सरकार की पहल है और इसकी समीक्षा चुनाव आयोग का काम है। अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग के पास पर्याप्त शक्तियां हैं और वह इस मामले की जांच कर सकता है।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि चुनावी बॉन्ड्स का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने और राजनीतिक दलों को अवैध धन मुहैया कराने के लिए किया जा रहा है। लेकिन कोर्ट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।