हैदराबाद: दक्षिण भारत में पहली बार प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव लोकमंथन 2024 का आयोजन हैदराबाद में हुआ। यह आयोजन 21 से 24 नवंबर तक चलेगा, जो तेलंगाना में पहली बार हो रहा है। महोत्सव में देशभर की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां मनाई जाएंगी।
उद्घाटन समारोह और मुख्य अतिथि
गुरुवार को पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने प्रतिनिधियों के पंजीकरण, स्टॉल्स और फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। 22 नवंबर को कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। समापन समारोह में 24 नवंबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुख्य अतिथि होंगे।
भारतीय संस्कृति पर जोर
उद्घाटन के बाद वेंकैया नायडू ने भारतीय परंपराओं और संस्कृति को फिर से अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सनातन धर्म की महत्ता बताते हुए कहा कि यह इतना पवित्र है कि यहां पेड़ों, पशुओं और यहां तक कि चींटियों तक की पूजा होती है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने केवल हमारी संपत्तियां ही नहीं लूटीं, बल्कि हमारे विचार भी बदले। युवाओं को प्रकृति के साथ मित्रता करने और योग को जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी।
लोकमंथन का उद्देश्य
नायडू ने बताया कि लोकमंथन का मुख्य उद्देश्य भारतीयों के मन से औपनिवेशिक सोच को हटाना और भारतीय संस्कृति, संगीत, नृत्य और परंपराओं के प्रति गौरव बढ़ाना है।
त्योहार की विशेषताएं
- 1,500 से अधिक कलाकार 100 से अधिक अनोखे कला रूप प्रस्तुत करेंगे।
- 400 दुर्लभ पारंपरिक वाद्य यंत्र प्रदर्शित किए जाएंगे।
- आदिवासी संगठनों, स्वैच्छिक संगठनों और राज्य सरकारों के मंडप भी महोत्सव का हिस्सा हैं।
यातायात प्रबंध
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे के मद्देनजर हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस ने अगले दो दिनों के लिए कुछ क्षेत्रों में यातायात प्रतिबंध और डायवर्जन की घोषणा की है।
सांस्कृतिक एकता का उत्सव
लोकमंथन 2024 भारत की सांस्कृतिक विविधता और कलात्मक समृद्धि का उत्सव है। यह न केवल भारत की परंपराओं को दिखाने का मंच है, बल्कि भारतीयता के प्रति गर्व को बढ़ाने का भी अवसर है।