देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने वन आग की घटनाओं को रोकने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों में 5 लाख पेड़ों को काटने जा रही है। यह फैसला 28 साल बाद लिया गया है।
दरअसल, जंगलों में लगी आग को रोकने के लिए फायर लाइन बनाई जाती है। इस फायर लाइन पर 28 साल से पेड़ों की कटाई नहीं हुई थी, जिसकी वजह से ये पेड़ बहुत बड़े हो गए थे और फायर लाइन का काम प्रभावित हो रहा था।
सरकार का मानना है कि इन पेड़ों को काटने से फायर लाइन प्रभावी होगी और जंगल में आग लगने की घटनाओं में कमी आएगी। हालांकि, पर्यावरण प्रेमियों ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटना पर्यावरण के लिए हानिकारक होगा।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड सरकार ने 5 लाख पेड़ काटने का फैसला लिया।
- यह फैसला वन आग को रोकने के लिए लिया गया है।
- 28 साल बाद फायर लाइन की सफाई की जा रही है।
- पर्यावरण प्रेमी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।