नई दिल्ली: तेलंगाना के एक गांव ने गायों की मदद से एक अनोखी मिसाल पेश की है। इस गांव में हर घर में कम से कम एक गाय है और जैविक डेयरी फार्मिंग के जरिए इस गांव ने खुद को कर्ज से मुक्त कर लिया है। अब यह गांव समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक बन गया है।
कैसे हुआ यह संभव?
गांव के लोगों ने मिलकर जैविक डेयरी फार्मिंग शुरू की। उन्होंने अपनी गायों से दूध उत्पादन बढ़ाया और उसे स्थानीय बाजार में बेचा। इससे उन्हें अच्छी आय होने लगी। धीरे-धीरे गांव के लोगों ने अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और अपने कर्ज चुका दिए।
गांव में क्या-क्या बदलाव आए?
- आर्थिक स्थिति में सुधार: गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अब वे आत्मनिर्भर बन गए हैं।
- स्वास्थ्य में सुधार: जैविक दूध पीने से गांव के लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है।
- रोजगार के अवसर: डेयरी फार्मिंग से गांव में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।
क्यों है यह मॉडल खास?
यह मॉडल इसलिए खास है क्योंकि यह दिखाता है कि किस तरह पारंपरिक तरीकों से खेती और पशुपालन करके भी गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। यह मॉडल देश के अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।