एनएससीएन-आईएम ने युद्धविराम तोड़ने की दी धमकी, विश्वासघात सुलझाने के लिए तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का प्रस्ताव नई.

दिल्ली: नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-इसाक-मुइवा (एनएससीएन-आईएम) के प्रमुख राजनीतिक वार्ताकार थुंगलंग मुइवा ने एक बयान जारी कर भारत के साथ युद्धविराम समझौते से हटने और सशस्त्र विद्रोह फिर से शुरू करने की धमकी दी है। क्या है पूरा मामला? एनएससीएन-आईएम ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने शांति वार्ता में विश्वासघात किया है। संगठन का कहना है कि सरकार ने समझौते के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अमल नहीं किया है। इसी कारण से संगठन ने युद्धविराम तोड़ने का फैसला लिया है। क्यों है यह खबर महत्वपूर्ण? यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे नागालैंड में शांति प्रक्रिया पर संकट पैदा हो गया है। अगर एनएससीएन-आईएम युद्धविराम तोड़ता है तो इससे क्षेत्र में हिंसा फिर से शुरू हो सकती है। क्या हम और जानते हैं? एनएससीएन-आईएम ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का प्रस्ताव दिया है। संगठन का मानना है कि एक तीसरा पक्ष दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करके इस विवाद का समाधान कर सकता है।

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