कोटा: राजस्थान के कोटा में एक बार फिर NEET परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र की आत्महत्या का मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले का रहने वाला 20 वर्षीय छात्र दादाबाड़ी शास्त्री नगर इलाके में किराए के मकान में रहकर NEET की तैयारी कर रहा था। बताया जा रहा है कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अभी तक आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह मामला कोटा में NEET परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों की एक और कड़ी है। पिछले कुछ वर्षों में कोटा में कई छात्रों ने आत्महत्या की है।
कोटा में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों की कई वजहें हो सकती हैं:
- अत्यधिक दबाव: NEET परीक्षा भारत में सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। छात्रों पर परीक्षा में सफल होने का बहुत अधिक दबाव होता है।
- अकेलापन: कोटा में हजारों छात्र रहते हैं और वे अपने घर से दूर होते हैं। उन्हें अकेलापन महसूस होता है।
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: कई छात्र मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हैं, जैसे कि अवसाद और चिंता।
- प्रतियोगिता: कोटा में प्रतिस्पर्धा का स्तर बहुत अधिक होता है। छात्रों को लगता है कि वे दूसरों से पीछे रह गए हैं।
कोटा में छात्रों की आत्महत्या को रोकने के लिए कई कदम उठाए जाने की जरूरत है:
- मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना: छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए मदद मिलनी चाहिए।
- अकेलेपन को कम करना: छात्रों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- माता-पिता को जागरूक करना: माता-पिता को अपने बच्चों पर बहुत अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए।
- शिक्षकों को प्रशिक्षित करना: शिक्षकों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।