इसरो के इतिहास में कई असफलताएं आई हैं लेकिन इन असफलताओं से इसरो ने सीख ली है और आगे बढ़ता रहा है।
इसरो के इतिहास में सबसे बड़ी असफलता 1979 में हुई थी जब SLV-3 रॉकेट विफल हो गया था। इस असफलता से इसरो के वैज्ञानिकों को बहुत निराशा हुई थी। लेकिन इसरो के वैज्ञानिकों ने हार नहीं मानी और इस असफलता से सीख ली। उन्होंने SLV-3 रॉकेट में सुधार किए और इसे फिर से लॉन्च करने की तैयारी की।
दूसरा प्रयास भी विफल रहा। लेकिन इसरो के वैज्ञानिकों ने फिर से हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में SLV-3 रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। इस सफलता ने इसरो के वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया और उन्हें भविष्य के लिए आशावादी बना दिया।
इसरो ने इसके बाद भी कई असफलताएं देखी हैं लेकिन इन असफलताओं से इसरो ने सीख ली है और आगे बढ़ता रहा है। इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन में भी असफलता का सामना किया था लेकिन इसरो ने इस असफलता से सीख ली और चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
इसरो की सफलता का एक बड़ा कारण इसरो के वैज्ञानिकों का दृढ़ विश्वास है। इसरो के वैज्ञानिकों का मानना है कि असफलता एक अवसर है और इससे सीखकर आगे बढ़ा जा सकता है। इसरो के वैज्ञानिकों का यह दृढ़ विश्वास इसरो की सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण है।
इसरो की सफलता से भारत को दुनिया में मान सम्मान मिला है। भारत अब दुनिया के प्रमुख अंतरिक्ष शक्तियों में से एक है। इसरो की सफलता से भारत के वैज्ञानिकों का भी मनोबल बढ़ा है और वे अब और भी बड़ी सफलताएं हासिल करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।