इजराइल ने ईरान के अराक न्यूक्लियर रिएक्टर पर किया हमला, जवाब में ईरान ने अस्पताल और स्टॉक एक्सचेंज पर बरसाए मिसाइलें
तेहरान/यरुशलम (एजेंसी): मध्य पूर्व में चल रहा संघर्ष अब निर्णायक और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इजराइल और ईरान के बीच जारी सात दिनों से युद्ध (Iran Israel Conflict) के दौरान गुरुवार को इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने ईरान के अराक भारी जल परमाणु रिएक्टर पर एयरस्ट्राइक की। यह रिएक्टर तेहरान से 250 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और प्लूटोनियम उत्पादन की दृष्टि से रणनीतिक महत्व रखता है। IDF के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकना था, ताकि वह परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी प्लूटोनियम न तैयार कर सके। ईरानी सरकारी टेलीविज़न ने पुष्टि की कि हमले से पहले रिएक्टर को खाली करा लिया गया था और किसी भी प्रकार की रेडिएशन लीकेज की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर एक गंभीर आघात माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इस हमले की निंदा की है और चेतावनी दी है कि ऐसे हमलों से परमाणु संदूषण और क्षेत्रीय अस्थिरता का खतरा बढ़ सकता है।
ईरान का करारा पलटवार
इजराइल के हमले के जवाब में ईरान ने दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन इजराइल की ओर दागे। इन हमलों में इजराइल के प्रमुख नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें सबसे गंभीर हमला दक्षिणी इजराइल के बीयर शेवा स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर पर हुआ। यह अस्पताल क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है। हमले में खिड़कियां टूट गईं और अस्पताल परिसर में धुएं का गुबार फैल गया। दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। इसके अलावा, तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज पर भी मिसाइल हमला हुआ, जिससे भवन को भारी क्षति पहुंची और देश की आर्थिक स्थिरता पर खतरा मंडराने लगा है। ईरानी हमलों में अब तक कम से कम 24 इजरायली नागरिकों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं। तेल अवीव, रमात गन, और होलोन जैसे रिहायशी क्षेत्रों में भी मिसाइलें गिरी हैं।
הבוקר, רודני הטרור של איראן שיגרו טילים לעבר בית החולים סורוקה בבאר שבע ולעבר אוכלוסייה אזרחית במרכז הארץ.
נגבה את מלוא המחיר מהרודנים בטהרן.
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) June 19, 2025
‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ से शुरू हुआ संघर्ष
इस पूरे टकराव की शुरुआत 13 जून को इजराइल द्वारा चलाए गए “ऑपरेशन राइजिंग लायन” से हुई थी, जिसके तहत ईरान के सैन्य अड्डों, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। इजराइल का दावा है कि उसने ईरान की सैन्य क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया है और कई शीर्ष अधिकारियों को मार गिराया है। ईरानी आंकड़ों के अनुसार, इन हमलों में 639 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 263 आम नागरिक भी शामिल हैं। ईरान ने अब तक इजराइल पर 400 से अधिक मिसाइलें दागी हैं, जिससे इस संघर्ष के व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में बदलने की आशंका बढ़ गई है।
नेताओं के तीखे बयान और अंतरराष्ट्रीय चिंता
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि “ईरानी तानाशाहों को इसकी पूरी कीमत चुकानी होगी।” वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका हस्तक्षेप करता है, तो उसे “अपूरणीय क्षति” का सामना करना पड़ेगा। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान “सिर्फ कुछ सप्ताह दूर है” परमाणु हथियार हासिल करने से, जबकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस बयान पर सहमति नहीं जताई है।
दुनिया भर में चिंता और कूटनीतिक प्रयास विफल
जापान, चीन, और इंडोनेशिया जैसे देशों ने अपने नागरिकों को इजराइल और ईरान से निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। IAEA के अलावा मिस्र और इंडोनेशिया जैसे देशों ने इजराइल द्वारा परमाणु रिएक्टर पर किए गए हमले की निंदा की है। ओमान में प्रस्तावित परमाणु वार्ता भी इन हमलों के चलते रद्द कर दी गई है, जिससे मध्य पूर्व में शांति प्रयासों को गहरा झटका लगा है। स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है और यदि जल्द कूटनीतिक समाधान नहीं निकाला गया तो यह संघर्ष पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंक सकता है।
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