बालूमाथ क्षेत्र में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के अंतर्गत बच्चियों से फॉर्म भरने के नाम पर ₹300 की अवैध वसूली की शिकायतें मिलने पर उपाध्यक्ष अनीता देवी ने इस मामले को गंभीरता से लिया। इस पर संज्ञान लिया और तत्काल प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) सोमा उरांव से बातचीत की। BDO ने बताया कि कार्यालय में ऑपरेटर की कमी के कारण विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि फॉर्म प्रज्ञा केंद्र से ऑनलाइन कराकर कार्यालय में जमा करें। वहीं, आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि उन्हें बाल विकास परियोजना कार्यालय से निर्देश मिला है कि फॉर्म संबंधित कंप्यूटर सेंटर से ही अपलोड कराए जाएं।
मूरपा मोड़ स्थित कंप्यूटर सेंटर के ऑपरेटर ने यह स्वीकार किया कि वे सावित्रीबाई फुले योजना के फॉर्म भरने के लिए प्रत्येक बच्ची से ₹300 ले रहे हैं, जिसमें से ₹200 कार्यालय में और ₹100 ऑपरेटर के पास जाता है।
इस मामले पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी (DSWO) अलका कुमारी से भी बात की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक विद्यालय को प्रशिक्षित किया गया है कि बच्चियों से फॉर्म इकट्ठा कर सीधे सीडीपीओ कार्यालय में जमा करें। इसमें बाहरी ऑनलाइन प्रक्रिया की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रधानाचार्यों ने किसी भी प्रकार के निर्देश या प्रशिक्षण के अभाव की बात कही है।
ऐसी स्थिति में यह जांच का विषय बनता है कि आखिर इसकी जवाबदेही कौन लेगा। सरकार बच्चियों को मुफ्त शिक्षा और छात्रवृत्ति योजनाओं से जोड़ने का प्रयास कर रही है, वहीं ₹300 की अवैध वसूली की जा रही है। इस अवैध कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए। उपाध्यक्ष ने उपायुक्त से मिलकर इस मामले की जांच की मांग की है और संभावना जताई है कि अन्य प्रखंडों में भी यही स्थिति हो सकती है, क्योंकि जिम्मेदार पदाधिकारी एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं।