मुंबई: संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर विपक्षी दलों और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमित शाह ने अपने बयान में कहा था, “अब एक फैशन हो गया है – अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। अगर वे भगवान का नाम लेते तो स्वर्ग में जगह मिल जाती।”
मुख्य बिंदु:
- अमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और वंचित बहुजन अघाड़ी ने नाराजगी जताई।
- महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि अमित शाह संविधान की वजह से गृह मंत्री बने हैं।
- शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बयान को अपमानजनक बताते हुए भाजपा पर निशाना साधा।
- उद्धव ने कहा, “अंबेडकर जी किसी एक पार्टी की विचारधारा तक सीमित नहीं हैं। भाजपा संविधान का अपमान कर रही है।”
- शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा, “भाजपा की सोच का ज़हर अब साफ दिख रहा है।”
- वंचित बहुजन अघाड़ी प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने अमित शाह के बयान को आरएसएस की पुरानी विचारधारा का प्रतीक बताया।
- प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर भाजपा की पुरानी योजनाओं के लिए सबसे बड़ी बाधा हैं।
- एनसीपी (एसपी) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “अंबेडकर फैशन नहीं, पैशन हैं। संविधान का मजाक उड़ाना बंद करें।”
- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी दलों पर अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया।
- रिजिजू ने कहा कि अमित शाह ने अपने भाषण में अंबेडकर की तारीफ की थी और उनकी विरासत को बढ़ावा देने की बात की थी।
- उद्धव ठाकरे ने पूछा कि क्या भाजपा और आरएसएस अमित शाह के बयान पर कार्रवाई करेंगे।
- विपक्षी दलों ने भाजपा पर संविधान विरोधी सोच का आरोप लगाया।
- प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि जनसंघ और आरएसएस ने हमेशा अंबेडकर का विरोध किया।
- उद्धव ने भाजपा समर्थक दलों से पूछा कि क्या वे अमित शाह के बयान का समर्थन करते हैं।
- कांग्रेस ने अमित शाह के बयान पर विरोध जताते हुए इसे संविधान का अपमान बताया।
- भाजपा ने विपक्ष पर अंबेडकर के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
- रिजिजू ने कहा कि भाजपा ने अंबेडकर की विरासत को संरक्षित करने का काम किया है।
- विपक्ष ने कहा कि भाजपा अंबेडकर की विचारधारा के खिलाफ है।
- विपक्षी नेताओं ने शाह के बयान को अंबेडकर के प्रति असम्मानजनक बताया।
- महाराष्ट्र में इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है।