तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विजिन्जम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना के लिए दी गई वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) की शर्तों को हटाने की मांग की है।
मुख्य बिंदु:
केंद्र ने विजिन्जम बंदरगाह परियोजना के लिए 817.80 करोड़ रुपये की VGF स्वीकृत की थी।
VGF का उद्देश्य आर्थिक रूप से उचित लेकिन वित्तीय रूप से कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देना है।
केंद्र सरकार ने इस राशि को नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) के आधार पर राज्य से चुकाने की शर्त रखी है।
मुख्यमंत्री ने इसे योजना के उद्देश्य के खिलाफ बताया और इसे कर्ज मानने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री की दलीलें:
VGF योजना के तहत अनुदान दिया जाता है, न कि ऋण।
विजिन्जम परियोजना में राज्य सरकार पहले ही 4,777.80 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है।
पहले 15 सालों की आय छोड़ने के बावजूद केंद्र से वसूली की शर्त अनुचित है।
अन्य परियोजनाओं से तुलना:
मुख्यमंत्री ने तुतिकोरिन पोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी कोई शर्त वहां नहीं लगाई गई।
कोच्चि मेट्रो के लिए VGF दी गई थी, लेकिन वहां भी चुकाने की कोई शर्त नहीं थी।
राष्ट्रीय महत्त्व का प्रोजेक्ट:
मुख्यमंत्री ने कहा कि विजिन्जम पोर्ट से देश को विदेशी मुद्रा की बचत सहित बड़े फायदे होंगे।
उन्होंने इस परियोजना को तुतिकोरिन पोर्ट की तरह समान व्यवहार देने की मांग की।
आरोप:
मुख्यमंत्री ने केंद्र पर राज्य के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि यह फैसला VGF की मानक गाइडलाइन्स के खिलाफ है।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री ने केंद्र से 817.80 करोड़ रुपये की VGF की चुकौती की शर्त हटाने और राज्य के प्रयासों को मान्यता देने का आग्रह किया।