बदायूं: विशेष सांसद-विधायक अदालत ने भाजपा के बिल्सी विधायक हरिश शाक्य, उनके भाई, भतीजे समेत 15 लोगों के खिलाफ गैंगरेप और धोखाधड़ी के आरोपों में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) लीलू चौधरी ने यह आदेश बुधवार को पीड़िता के पति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिकाकर्ता ने न्याय की मांग करते हुए यह मामला दर्ज कराया, जो एक भूमि विवाद से जुड़ा है।
अदालत ने सिविल लाइंस थाने को 10 दिनों के भीतर मामला दर्ज करने और निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस को अभी तक अदालत के आदेश की प्रति नहीं मिली है। उन्होंने कहा, “जैसे ही आदेश की प्रति मिलेगी, एफआईआर दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी।”
याचिकाकर्ता के अनुसार, उनके पिता ने सिविल लाइंस क्षेत्र के बुधबाई गांव में एक जमीन खरीदी थी, जिसे विधायक शाक्य खरीदना चाहते थे। जमीन की कीमत करीब 18 करोड़ रुपये है, लेकिन सौदा 16.5 करोड़ रुपये में तय हुआ था।
शाक्य ने लिखित समझौते के समय जमीन की 40 प्रतिशत राशि देने और बाकी पैसे रजिस्ट्री के समय देने की बात कही थी। उन्होंने 1 लाख रुपये अग्रिम राशि दी, लेकिन बाद में बिना 40 प्रतिशत राशि दिए समझौते का दबाव बनाने लगे।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने जमीन किसी बिल्डर को बेचने की कोशिश की, तो विधायक के लोगों ने उन्हें ऐसा करने से रोका।
याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस ने उन्हें तीन दिनों तक हिरासत में रखा और मारपीट की। बाद में, विधायक के लोगों ने पुलिस से छुड़ाकर उन्हें प्रताड़ित किया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधायक और उनके साथियों ने उनकी पत्नी के साथ गैंगरेप किया।
विधायक शाक्य ने कहा कि उन्हें अदालत के आदेश की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर अदालत ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया है, तो मैं पुलिस जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हूं। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।”