सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार एक डिजिटल इंडिया बिल लाने पर विचार कर रही है। इस बिल का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा जेनरेट किए गए वीडियो और अन्य कंटेंट, जिन्हें डीप फेक कहा जाता है, उनके खतरों को कम करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बेहतर इस्तेमाल के तरीकों को तलाशना है। इंडिया टुडे को शनिवार को सूत्रों ने यह जानकारी दी।
डीप फेक तकनीक का इस्तेमाल कर असली दिखने वाले फर्जी वीडियो बनाए जा सकते हैं। इन वीडियो में किसी व्यक्ति को कुछ ऐसा कहते या करते हुए दिखाया जा सकता है, जो उसने असल में किया ही नहीं है। इस तरह के वीडियो राजनीतिक फायदे के लिए या किसी को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
नए बिल में डीप फेक कंटेंट को क्रिएट करने और शेयर करने पर सख्त नियम बनाए जा सकते हैं। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को डीप फेक कंटेंट को हटाने के लिए जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
बिल में इस बात को भी शामिल किया जा सकता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किस तरह किया जाना चाहिए। ताकि यह टेक्नोलॉजी देश के विकास में सकारात्मक भूमिका निभा सके।
हालांकि, अभी तक इस बिल का कोई ड्राफ्ट तैयार नहीं हुआ है और इसे बनाने में अभी वक्त लग सकता है। लेकिन सूत्रों की मानें तो सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और जल्द ही इस दिशा में कदम उठा सकती है।