2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने और भाजपा शासित राज्य में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए प्रियंका गांधी द्वारा 2019 में बनाई गई योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। पार्टी का उद्देश्य संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ ‘इंडिया’ गठबंधन को भी राज्य में मजबूत करना है।
5 दिसंबर की रात अचानक राज्य इकाई को ब्लॉक से लेकर पीसीसी स्तर तक भंग करने के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एआईसीसी को 14 जनवरी 2025 तक सभी पार्टी समितियों का पुनर्गठन करने का निर्देश दिया। तब तक, सभी मौजूदा पदाधिकारी अस्थायी रूप से अपने पद पर बने रहेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 43 सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने छह सीटें जीतीं, लेकिन हाल के नौ विधानसभा उपचुनावों में पार्टी संगठनात्मक कमजोरियों के कारण मैदान में नहीं उतर सकी।
नई टीमों का गठन:
एआईसीसी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि राज्य में नई टीमों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
प्रियंका गांधी का फॉर्मूला:
सूत्रों के अनुसार, 2019 में प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य की संगठनात्मक संरचना को पुनर्गठित किया था। इसी मॉडल को अब दोबारा लागू किया जाएगा। एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर ने बताया कि यह प्रक्रिया जनवरी 2025 तक पूरी की जाएगी।
ओपन हाउस सत्र:
राज्य के छह एआईसीसी सचिव स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खुली चर्चा करेंगे। इन बैठकों में लगभग 300 स्थानीय नेताओं के विचार सुने जाएंगे। इनमें से 7-8 नामों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और अंतिम चयन के लिए एआईसीसी महासचिव को भेजा जाएगा।
मुख्य बिंदु:
यूपी में संगठनात्मक पुनर्गठन का फैसला।
14 जनवरी 2025 तक नई समितियां बनेंगी।
‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत करने पर जोर।
प्रियंका गांधी का 2019 का मॉडल फिर लागू होगा।
2027 के विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित।
स्थानीय निकाय चुनाव 2026 को भी चुनौती मानकर तैयारी।
नई ऊर्जा के लिए पुराने और नए नेताओं का मिश्रण।
ओपन हाउस सत्र में स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय ली जाएगी।
संगठनात्मक बदलाव से राज्य में पार्टी की स्थिति सुधारने की उम्मीद।
खड़गे ने पुनर्गठन प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।