गुवाहाटी: एक नए शोध के अनुसार, असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान में रॉयल बंगाल टाइगर की आबादी तीन गुनी हो गई है। आरण्यक नामक एक संस्था द्वारा किए गए इस शोध में यह बात सामने आई है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि संरक्षण के उपाय जारी रहे तो 2030 तक बाघों की संख्या दोगुनी हो सकती है। मानस राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या में वृद्धि संरक्षण प्रयासों की सफलता का प्रमाण है।
मानस राष्ट्रीय उद्यान को बाघों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में यहां बाघों की संख्या में काफी गिरावट आई थी। लेकिन अब संरक्षण प्रयासों के कारण बाघों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
शोध में क्या कहा गया?
शोध के अनुसार, मानस राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। इनमें शिकार पर रोक, वन्यजीव अपराधों पर कार्रवाई, और स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग शामिल हैं।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाती है कि संरक्षण के प्रयासों से बाघों की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। यह बाघों के संरक्षण के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
आगे क्या होगा?
आगे भी मानस राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के संरक्षण के लिए प्रयास जारी रहेंगे। शोधकर्ता और संरक्षणकर्ता बाघों की संख्या में और वृद्धि करने के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं।