भुवनेश्वर: ओडिशा के कंधमाल जिले के मंडीपंका गांव में आदिवासी महिलाओं की मौत और कई लोगों के बीमार होने के बाद राज्य में खाद्य सुरक्षा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। यह घटना तब सामने आई, जब एक आदिवासी गांव में सूखे आम की गिरी (मंगो केरनल) से बने आहार के सेवन से दो महिलाओं की मृत्यु हो गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने इस मामले की जांच के लिए आरडीसी (क्षेत्रीय विकास आयुक्त) स्तर की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में तीन महीने का चावल वितरण करने का निर्देश भी दिया है। हालांकि, विपक्षी दल बीजेडी और कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, और राज्य सरकार की खाद्य सुरक्षा नीति पर सवाल उठाए हैं।
बीजेपी विधायक सरोज पाधी ने बयान दिया कि “मंगो ताकुआ” आदिवासियों के पारंपरिक भोजन का हिस्सा है, जिसके बाद सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने आपत्ति जताई।
विपक्षी नेताओं ने खाद्य आपूर्ति मंत्री कृष्णचंद्र पात्रा के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस नेता जयदेव जेना ने कहा कि आदिवासियों को “पारंपरिक भोजन” कहकर उनकी समस्याओं को हल्के में लेना उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री की ओर से जांच के आदेश और चावल वितरण के निर्देश के बावजूद विपक्ष ने इसे विलंबित और अपर्याप्त कदम बताया है। घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रभावित लोगों का दौरा किया।
पिछले घटनाओं का संदर्भ
यह पहली बार नहीं है कि ओडिशा में खाद्य संकट की वजह से मौतें हुई हैं। 2001 में रायगडा में 24 लोगों की मौत और 2016 में भी दो लोगों की मौत इसी कारण हुई थी।
इस घटना के बाद राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) पर भी सवाल उठ रहे हैं। बीजेडी प्रवक्ता लेखाश्री समंतसिंहर ने कहा कि प्रभावित गांवों में समय पर चावल नहीं पहुंच पा रहा है, जबकि कुछ परिवारों ने बताया कि जुलाई के बाद उन्हें चावल नहीं मिला था।
स्वास्थ्य स्थिति और उपचार
इस घटना में बीमार हुए लोग अब भी गंभीर हालत में हैं, जिनका इलाज बेरहामपुर और कटक मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कई लोगों के अंगों ने काम करना बंद कर दिया है और स्थिति नाजुक बनी हुई है।
मुख्य बिंदु:
- कंधमाल में सूखे आम की गिरी से बने आहार के सेवन से दो महिलाओं की मौत।
- मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए और प्रभावित क्षेत्र में चावल वितरण का निर्देश दिया।
- विपक्ष ने खाद्य सुरक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
- राज्य में खाद्य संकट पर पुरानी घटनाओं का संदर्भ।
- पीडीएस पर सवाल उठाते हुए, विपक्ष ने प्रणाली की विफलता पर चिंता जताई है।