जयपुर: राजस्थान की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इसके बाद पार्टी को टिकट न मिलने से असंतुष्ट उम्मीदवारों की बगावत का सामना करना पड़ा है। वहीं, कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए हैं, लेकिन पार्टी को भी टिकट की घोषणा के बाद असंतुष्ट नेताओं से बगावत का डर सता रहा है।
कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व और हाईकमान को यह चिंता सता रही है कि टिकट वितरण के बाद असंतुष्ट नेता विरोध का मोर्चा खोल सकते हैं। विभिन्न सीटों से उम्मीदवारों और उनके समर्थकों द्वारा PCC वॉर रूम के सामने ताकत का प्रदर्शन पार्टी नेताओं के लिए चिंता का विषय बन गया है।
झुंझुनू में मुस्लिम न्याय मंच कांग्रेस से अल्पसंख्यक उम्मीदवार की मांग पर अड़ा हुआ है। वहीं, खींवसर से दुर्ग सिंह चौहान और देवली-उनियारा से नरेश मीणा भी अपनी दावेदारी पर अड़े हुए हैं।
इस स्थिति में, उपचुनाव में बगावत की आवाजों को शांत करना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। हालांकि, पार्टी हरसंभव प्रयास करेगी कि स्थिति को संभाला जा सके। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि कोई भी कार्यकर्ता निराश नहीं होगा।
देवली-उनियारा में नरेश मीणा का शक्ति प्रदर्शन: राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व महासचिव नरेश मीणा ने देवली-उनियारा से टिकट की मांग करते हुए अपने समर्थकों के साथ वॉर रूम के बाहर शक्ति प्रदर्शन किया।
खींवसर से चुनाव लड़ेंगे दुर्ग सिंह: दुर्ग सिंह चौहान ने खींवसर से चुनाव लड़ने की घोषणा की और कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने उन्हें टिकट न देकर गलती की थी।
कांग्रेस का हर कार्यकर्ता मायूस नहीं होगा: प्रदेश प्रभारी रंधावा ने कहा, “कांग्रेस हर कार्यकर्ता की मेहनत को पहचानती है। हमने सभी की सुनी है और स्थिति स्पष्ट की है।”