केंद्रीय बजट से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की। पार्टी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है, बेरोजगारी बढ़ रही है, महंगाई चरम पर है, वेतन रुके हुए हैं और आय की असमानता बढ़ रही है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि इस साल आर्थिक वृद्धि दर में 2% तक की गिरावट हो सकती है।
चिदंबरम ने यह बयान कांग्रेस मुख्यालय, 24 अकबर रोड पर प्रेस वार्ता में दिया।
इस दौरान कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा द्वारा तैयार ‘रियल स्टेट ऑफ द इकोनॉमी 2025’ रिपोर्ट जारी की गई।
उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक मंदी की सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है।
बेरोजगारी को लेकर उन्होंने दावा किया कि युवाओं में बेरोजगारी दर 40% के करीब है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा वितरित नौकरी के पत्र केवल खाली पद भरने के लिए हैं।
चिदंबरम ने कहा कि नई नौकरियों का सृजन नहीं हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीते 4-5 वर्षों से मजदूरी दर स्थिर बनी हुई है।
महंगाई बढ़ रही है, जिससे आम जनता की परेशानियां बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि आमदनी और खर्च के बीच बड़ा अंतर पैदा हो गया है।
सरकार द्वारा जारी किए गए आर्थिक आंकड़ों को उन्होंने भ्रामक बताया।
कांग्रेस ने कहा कि केंद्र की नीतियां गरीब और मध्यम वर्ग के खिलाफ हैं।
रिपोर्ट में सरकार की आर्थिक विफलताओं को उजागर किया गया है।
चिदंबरम ने दावा किया कि आम लोगों की आर्थिक स्थिति बदतर होती जा रही है।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से आर्थिक सुधारों पर ध्यान देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं से जमीनी स्तर पर कोई फायदा नहीं हो रहा।
कांग्रेस नेताओं ने महंगाई, बेरोजगारी और आय असमानता पर चर्चा की।
पार्टी ने बजट से पहले सरकार पर बड़े आर्थिक सुधारों के लिए दबाव बनाया।
कांग्रेस ने कहा कि सरकार को असली समस्याओं को स्वीकार कर समाधान निकालना चाहिए।