नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि अभियोजकों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर होनी चाहिए, न कि राजनीतिक कारणों से। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील पर आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजकों की नियुक्ति में पारदर्शिता और निष्पक्षता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दखलअंदाजी से न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित होती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अभियोजकों को बिना किसी दबाव के अपना काम करने की आजादी होनी चाहिए।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह फैसला न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने में मदद करेगा।
- यह फैसला अभियोजकों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाएगा।
- यह फैसला राजनीतिक दखलअंदाजी को कम करने में मदद करेगा।
यह फैसला क्या कहता है?
- अभियोजकों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर होनी चाहिए।
- अभियोजकों की नियुक्ति में राजनीतिक दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए।
- अभियोजकों को बिना किसी दबाव के अपना काम करने की आजादी होनी चाहिए।
यह फैसला भारतीय न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।