कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक पति को उसकी पत्नी से तलाक देने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पति की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि पत्नी ने पति पर क्रूरता की है। पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी अपने दोस्त और परिवार को उस पर थोप रही थी, जिससे उसका वैवाहिक जीवन बर्बाद हो रहा था।
पति की याचिका में क्या था?
पति ने अपनी याचिका में बताया था कि उसकी पत्नी अपने दोस्त और परिवार को घर पर रहने देती थी और उन पर पति को खर्च करने का दबाव डालती थी। पति ने यह भी आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी उसके साथ मारपीट करती थी और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थी।
न्यायालय का फैसला
न्यायालय ने पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि पत्नी ने पति के साथ क्रूरता की है और उसका वैवाहिक जीवन बर्बाद किया है। न्यायालय ने कहा कि पत्नी द्वारा पति पर दोस्त और परिवार को थोपना क्रूरता का एक मामला है।
क्या है क्रूरता?
क्रूरता का मतलब केवल शारीरिक हिंसा ही नहीं होता है, बल्कि मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, अपमानित करना और पारिवारिक जीवन को नष्ट करना भी क्रूरता का ही एक रूप है।
तलाक का आधार
भारतीय विवाह कानून के तहत क्रूरता तलाक का एक आधार है। अगर कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी के साथ क्रूरता करता है तो पीड़ित व्यक्ति कोर्ट जाकर तलाक ले सकता है।