Ranchi: झारखंड में साइबर अपराध की दुनिया में एक बड़ी कामयाबी मिली है। राज्य के अपराध अनुसंधान विभाग (CID) की साइबर क्राइम ब्रांच ने चीनी साइबर अपराधियों के लिए काम कर रहे सात भारतीय एजेंटों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई राजधानी रांची के एक होटल में छापेमारी के दौरान की गई।
गोपनीय सूचना के आधार पर की गई छापेमारी
सीआईडी की ओर से 4 जुलाई को जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, साइबर थाना को यह गोपनीय सूचना मिली थी कि एक संगठित साइबर अपराधी गिरोह रांची के एक होटल से ‘डिजिटल अरेस्ट’ और ‘इनवेस्टमेंट फ्रॉड’ जैसे मामलों में लोगों से ठगी कर रहा है। सूचना के आधार पर होटल में छापा मारकर सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
गिरफ्तार सभी आरोपी भारतीय नागरिक हैं, जो चीनी साइबर अपराधियों के लिए एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। ये आरोपी देश के विभिन्न हिस्सों से ‘म्यूल बैंक अकाउंट’ (फर्जी खातों) की जानकारी जुटाकर चीन के आपराधिक सिंडिकेट को मुहैया कराते थे।
छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य जब्त
सीआईडी की टीम ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 12 मोबाइल, 11 लैपटॉप, 14 एटीएम कार्ड, कई चेकबुक और व्हाट्सएप-टेलीग्राम के 60 से अधिक चैट बरामद किए हैं। इन चैट्स में बड़ी संख्या में बैंक खाता विवरण मौजूद हैं, जो सीधे तौर पर चीनी साइबर नेटवर्क से जुड़े हैं।
चीनी कंपनियों के लिए काम करते थे एजेंट
जांच में खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार आरोपी Moonpay, Dragonpay, Superpay और Mangopayindia जैसी चीन की साइबर कंपनियों के लिए काम कर रहे थे। इन कंपनियों के निर्देश पर एक एप्लीकेशन टेलीग्राम के माध्यम से भारतीय एजेंटों को भेजा जाता था, जिसे सिम कार्ड में इंस्टॉल कर बैंक से जुड़ी जानकारियां चीन के सर्वर पर भेजी जाती थीं।
देशभर में दर्ज हैं 68 मामले
इस गिरोह के खिलाफ अब तक देशभर में 68 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। वहीं 60 फर्जी बैंक खातों का विवरण भी जांच एजेंसी को प्राप्त हुआ है। सभी शिकायतें एनसीपीसीआर पोर्टल पर दर्ज की गई हैं, जिनमें इन खातों का उपयोग निवेश घोटाले और डिजिटल गिरफ्तारी मामलों में किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार साइबर अपराधियों में दीपक कुमार, कुमार सौरभ, प्रभात कुमार, शिवम कुमार, प्रदीप कुमार और अनिल कुमार – सभी बिहार के निवासी हैं, जबकि एक अन्य आरोपी लक्ष्मण चौरसिया मध्य प्रदेश से है। सीआईडी ने बताया है कि इस गिरोह का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है और अब भी कई एजेंटों की तलाश जारी है। इस गिरफ्तारी को साइबर क्राइम के खिलाफ एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
