Ranchi: झारखंड में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए आजसू पार्टी (AJSU Party) ने पलटवार किया है। आजसू पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने साफ कहा है कि झामुमो ही ओबीसी विरोधी है और पंचायत व नगर निकाय चुनावों से ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश उसी ने रची थी, जिसे आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने विफल कर दिया। इसी वजह से झामुमो बौखलाहट में अब झूठे आरोप गढ़ रहा है।
आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो और वरिष्ठ नेता एवं झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर झामुमो को घेरा। उन्होंने कहा कि सुदेश महतो ने हमेशा ओबीसी समाज को उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष किया है, जबकि हेमंत सरकार की साजिशों के कारण पंचायत और निकाय चुनाव वर्षों तक लटके रहे।
डॉ. महतो ने कहा कि सुदेश महतो ने पंचायत चुनावों में ओबीसी के लिए 10 हजार पद आरक्षित किए थे, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया। हेमंत सरकार बिना ट्रिपल टेस्ट के चुनाव करवाना चाहती थी ताकि ओबीसी को आरक्षण न मिले। लेकिन सुदेश महतो की पहल पर आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, तब जाकर सरकार को ट्रिपल टेस्ट कराने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मार्च 2022 में खुद कहा था कि ओबीसी आरक्षण की कोई बाध्यता नहीं है, जिसे आजसू ने कड़ा विरोध किया था।
प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि झारखंड राज्य बनने के तुरंत बाद 2001 में ही आजसू और सुदेश महतो के प्रयास से राजग सरकार ने ओबीसी को 27% आरक्षण देने की पहल की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। वर्ष 2021 में सुदेश महतो ने इस विषय को विधानसभा में फिर उठाया और गैर सरकारी संकल्प प्रस्ताव लाया।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की इंदिरा साहनी केस में यह साफ है कि विशेष परिस्थितियों में 50% से अधिक आरक्षण दिया जा सकता है। तमिलनाडु, पूर्वोत्तर और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में यह पहले से लागू है। झारखंड में भी ऐसा कानून बनाकर ओबीसी को 27% आरक्षण देना चाहिए।
प्रभाकर ने यह भी आरोप लगाया कि पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष पद एक साल से खाली है और ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट को लेकर सरकार केवल खानापूर्ति कर रही है। रिपोर्ट में जानबूझकर देरी की जा रही है जिससे ओबीसी आरक्षण को फिर रोका जा सके। आजसू पार्टी ने स्पष्ट रूप से झामुमो को ओबीसी विरोधी करार दिया और कहा कि झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। सुदेश महतो का रुख हमेशा ओबीसी, आदिवासी और दलित हितैषी रहा है और पार्टी इस संघर्ष को जारी रखेगी।
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