Ranchi: झारखंड की क्रांतिकारी ‘मैय्या सम्मान योजना’ (Maiya Samman Yojna) ने न केवल राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि इसकी गूंज अब पड़ोसी राज्य बिहार के विधानसभा चुनाव 2025 में भी सुनाई दे रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की अगुवाई वाली हेमंत सोरेन सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना ने लाखों महिलाओं के जीवन में समृद्धि और आत्मनिर्भरता का नया रंग भरा है। अब बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने इस योजना से प्रेरणा लेते हुए ‘माई-बहिन मान योजना’ की घोषणा की है, जिसमें बिहार की हर आर्थिक रूप से कमजोर महिला को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया गया है। यह कदम न केवल झारखंड की इस योजना की सफलता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हेमंत सोरेन की नीतियां राष्ट्रीय स्तर पर अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।
मैय्या सम्मान योजना: झारखंड की महिलाओं की आर्थिक क्रांति
झारखंड की ‘मैय्या सम्मान योजना’ ने 2023 में अपने लॉन्च के बाद से ही महिलाओं के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की। इस योजना के तहत, 18 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है। अब तक, राज्य की लगभग 48 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं, जिसने न केवल उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और छोटे व्यवसायों में उनके योगदान को भी बढ़ावा दिया। हेमंत सोरेन ने इस योजना को ‘महिलाओं की गरिमा और स्वावलंबन का प्रतीक’ करार देते हुए कहा था, “मैय्या सम्मान योजना झारखंड की हर मां-बहन को आर्थिक आजादी दे रही है। यह योजना केवल पैसे का हस्तांतरण नहीं, बल्कि उनके सपनों को उड़ान देने का माध्यम है। “इस योजना की सफलता ने 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में JMM को प्रचंड जीत दिलाई। योजना की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विपक्षी दल भी इसके समर्थन में बयान देने को मजबूर हुए। अब यह योजना बिहार के चुनावी माहौल में चर्चा का केंद्र बन गई है, जहां तेजस्वी यादव इसे अपनी सरकार की प्राथमिकता बनाने का दावा कर रहे हैं।
बिहार में तेजस्वी का मास्टरस्ट्रोक: ‘माई-बहिन मान योजना’
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तेजस्वी यादव ने ‘माई-बहिन मान योजना’ की घोषणा कर महिला वोटरों को साधने की रणनीति अपनाई है। इस योजना के तहत, उनकी सरकार बनने पर बिहार की हर पात्र महिला को प्रतिमाह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। तेजस्वी ने अपनी सभाओं में इस वादे को बार-बार दोहराया है, और इसे झारखंड की ‘मैय्या सम्मान योजना’ से प्रेरित बताया है।
तेजस्वी लगातार दोहरा रहे हैं वादा
- दरभंगा में प्रेस वार्ता (14 दिसंबर 2024): तेजस्वी ने कहा, “झारखंड की मैय्या सम्मान योजना ने दिखाया है कि अगर महिलाओं को आर्थिक ताकत दी जाए, तो वह परिवार और समाज को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती हैं। हमारी ‘माई-बहिन मान योजना’ बिहार की हर माता-बहन को 2500 रुपये प्रतिमाह देकर उनके जीवन को सुगम बनाएगी।” उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार बनने के एक महीने के भीतर यह योजना लागू कर दी जाएगी।
- अररिया में कार्यकर्ता संवाद (18 दिसंबर 2024): अररिया में तेजस्वी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “झारखंड ने मिसाल कायम की है। हमारी सरकार बनने पर बिहार की हर महिला के खाते में हर माह 2500 रुपये आएंगे। यह हमारा वादा है, और तेजस्वी का वादा पक्का होता है।” उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया, जबकि RJD बिहार को विकास के रास्ते पर ले जाएगा।
- मुजफ्फरपुर में (10 मार्च 2025): भुइंया बाबा की पूजा के दौरान तेजस्वी ने कहा, “झारखंड की मैय्या सम्मान योजना की तरह हमारी ‘माई-बहिन मान योजना’ बिहार की महिलाओं को आर्थिक आजादी देगी। 2500 रुपये प्रतिमाह से हर महिला अपने परिवार को और मजबूत करेगी।
- बिहारशरीफ में सामाजिक न्याय परिचर्चा (6 मई 2025): इस सभा में RJD सांसद सुधाकर सिंह ने तेजस्वी के वादे को दोहराते हुए कहा, “तेजस्वी की सरकार बनने पर बिहार की हर माई-बहिन को 2500 रुपये हर माह मिलेंगे। यह योजना झारखंड की तरह बिहार में भी क्रांति लाएगी।
“झारखंड की प्रेरणा, बिहार की उम्मीद”
तेजस्वी यादव ने अपनी 20-सूत्री कार्ययोजना में ‘माई-बहिन मान योजना’ को प्रमुखता दी है। 3 जुलाई 2025 को इस कार्ययोजना को जारी करते हुए उन्होंने कहा, “हमने झारखंड की मैय्या सम्मान योजना से सीखा है कि जब आप महिलाओं को आर्थिक ताकत देते हैं, तो पूरा समाज सशक्त होता है। हम बिहार में भी यही करेंगे। इस योजना के तहत तेजस्वी ने अन्य वादे भी जोड़े, जैसे 200 यूनिट मुफ्त बिजली, रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये करना, और सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 1500 रुपये तक बढ़ाना। झारखंड में ‘मैय्या सम्मान योजना’ की सफलता का एक बड़ा कारण इसकी पारदर्शी और त्वरित कार्यान्वयन रहा है। डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए लाभार्थियों के खातों में समय पर राशि पहुंचना और इसमें भ्रष्टाचार की शिकायतों का न के बराबर होना इसकी ताकत रहा है। बिहार में भी तेजस्वी इसी मॉडल को अपनाने की बात कह रहे हैं।
विपक्ष की आलोचना, समर्थकों में उत्साह
तेजस्वी के इस वादे पर बिहार में विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं। जन सुराज के प्रशांत किशोर ने इसे अव्यवहारिक बताते हुए कहा, “बिहार में 6 करोड़ महिलाओं को 2500 रुपये देने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये चाहिए, जो बिहार के बजट से भी ज्यादा है।” हालांकि, RJD समर्थक इसे खारिज करते हुए कहते हैं कि तेजस्वी ने 10 लाख नौकरियों का वादा भी पूरा किया था, और यह योजना भी लागू होगी। झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता और विश्लेषक रमेश पांडे कहते हैं, “मैय्या सम्मान योजना ने झारखंड में महिलाओं को न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक ताकत भी दी है। तेजस्वी का यह कदम बिहार की महिलाओं के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाए।”
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