केरल के वायनाड जिले में हुए भीषण भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई। एक नए अध्ययन के अनुसार, इस त्रासदी के पीछे जलवायु परिवर्तन भी एक प्रमुख कारण है। अध्ययन में पाया गया है कि जिस तीव्र बारिश ने भूस्खलन को ट्रिगर किया, वह जलवायु परिवर्तन के कारण 10% अधिक थी।
यह एक चेतावनी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की घटनाएं भविष्य में और भी अधिक हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है, तो केरल में एक दिन की बारिश की मात्रा में और 4% की वृद्धि हो सकती है।
इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। हमें जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करना होगा और स्थायी भूमि प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना होगा।