हैदराबाद स्थित माइक्रोसॉफ्ट से साल 2005 में निकाले गए कर्मचारी कपिल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कैसे उनकी नौकरी छूटना उनके लिए ‘भाग्य का खेल’ साबित हुआ।
कुलश्रेष्ठ ने कहा कि नौकरी खोने के बाद उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। शुरुआत में तो काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे उनका बिजनेस बढ़ने लगा। आज उनके पास कई सफल कंपनियां हैं।
उन्होंने कहा कि अगर वह माइक्रोसॉफ्ट में ही बने रहते तो शायद आज वह इतने सफल नहीं होते। उन्होंने बताया कि नौकरी खोना उनके लिए एक तरह का झटका था, लेकिन इसी झटके ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कुलश्रेष्ठ ने कहा कि उनके अनुभव से सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। असफलता भी सफलता की सीढ़ी बन सकती है।